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समुद्रगुप्त का नालन्दा ताम्रलेख

भूमिका समुद्रगुप्त का नालन्दा ताम्रलेख ( Nalanda Copper-Plate of Samudragupta ) साढ़े दस इंच लम्बे और नौ इंच चौड़े ताम्र फलक पर अंकित है। यह १६२७-२८ ई० में नालन्दा ( बिहार ) के पुरातात्त्विक उत्खनन के समय बिहार संख्या १ के उत्तरी बारामदे में मिला था। हीरानन्द शास्त्री ने इसके सम्बन्ध में पहले एक छोटी […]

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बड़वा-यूप अभिलेख

भूमिका बड़वा-यूप अभिलेख राजस्थान प्रान्त के बरन जिले में बढ़वा नामक स्थान पर मिला है। इसमें चार लघु अभिलेख मिले हैं। ये अभिलेख प्राकृत से प्रभावित संस्कृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में है। यह प्रारम्भिक मौखरियों के इतिहास से सम्बन्धित है। संक्षिप्त परिचय नाम :- बड़वा-यूप अभिलेख स्थान :- बड़वा, बरन जनपद, राजस्थान ( Barwa,

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अगरोहा यौधेय मुद्रांक

भूमिका अगरोहा यौधेय मुद्रांक हरियाणा प्रान्त के हिसार जिले के अगरोहा नामक स्थान से यह मुद्राङ्क ( मुहर ) प्राप्त हुई ह। यह मिट्टी की अण्डाकार ७ सेंटीमीटर लम्बी और ६.२ सेंटीमीटर चौड़ी है। इस मुद्रांक के ऊपर के एक-तिहाई भाग में ककुस्थयुक्त वामाभिमुख वृषभ का अंकन है। उसके नीचे एक लम्बी रेखा है। रेखा

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विजयगढ़ का यौधेय शिलालेख

भूमिका विजयगढ़ का यौधेय शिलालेख संस्कृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में है। यह अभिलेख भरतपुर ( राजस्थान ) के बयाना नामक कस्बे से लगभग दो मील ( ≈ ३.२ किमी० ) दक्षिण-पश्चिम स्थित विजयगढ़ नामक पहाड़ी दुर्ग की भित्ति के भीतरी भाग में लगा मिला था। यह मूलतः किसी बड़े लेख का अंश है; इसमें

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ईश्वरसेन का नासिक गुहालेख

भूमिका ईश्वरसेन का नासिक गुहालेख लयण संख्या १० के आँगन के पश्चिमी दीवार पर अंकित है। अनुमान किया जाता है कि यह लेख १५ पंक्तियों का रहा होगा, परन्तु अब इसकी आरम्भिक १२-१३ पंक्तियाँ ही बच रही हैं; वे भी दाहिनी ओर क्षतिग्रस्त हैं। उसके कुछ अक्षर नष्ट हो गये हैं। ब्राह्मी लिपि में लिखे

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रुद्रदामन का जूनागढ़ शिलालेख

भूमिका रुद्रदामन का जूनागढ़ शिलालेख गुजरात के जूनागढ़ से प्राप्त एक महत्त्वपूर्ण अभिलेख है। जिस शिला पर यह उत्कीर्ण है उसी पर अशोक के चौदह प्रज्ञापनों की एक प्रति तथा स्कन्दगुप्त के दो लेख भी खुदे हुए हैं। जूनागढ़ से लगभग एक मील पूर्व की ओर गिरनार पर्वत के पास जाने वाले दर्रे के पास

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उषावदत्त का कार्ले अभिलेख

भूमिका नहपानकालीन उषावदत्त का कार्ले अभिलेख महाराष्ट्र के पुणे जनपद से प्राप्त होता है। पुणे जिले में कार्ले नामक स्थान में जो चैत्य है उसके मध्यद्वार के दाहिनी ओर ऊपरी भाग पर इस अभिलेख का अंकन हुआ है। यह ब्राह्मी लिपि और प्राकृत भाषा में है। संक्षिप्त परिचय नाम :- नहपानकालीन उषावदत्त का कार्ले अभिलेख

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उषावदत्त का तिथिविहीन नासिक गुहालेख

भूमिका नहपानकालीन तिथिविहीन उषावदत्त का नासिक गुहालेख ब्राह्मी लिपि और प्राकृत भाषा में है। इसमें विविध दान का वर्णन और मालवों के विरुद्ध अभियान का विवरण सुरक्षित है। संक्षिप्त परिचय नाम : नहपानकालीन उषावदत्त का तिथिविहीन नासिक गुहालेख ( Undated Nasik cave inscription of Ushavdatta of time of Nahpan ) स्थान : नासिक गुहा सं०

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दक्षमित्रा का नासिक गुहालेख

भूमिका नहपान की पुत्री दक्षमित्रा का नासिक गुहालेख गुफा संख्या १० में बायीं ओर स्थित कोठरी के द्वार के ऊपर अंकित है। इस अभिलेख के नीचे ही उषावदत्त ( ऋषभदत्त ) अभिलेख अंकित है। संक्षिप्त परिचय नाम :- नहपानकालीन दक्षमित्रा का नासिक गुहालेख ( Nasik cave Inscription of Dakshmitra of Time of Nahpan ) स्थान

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उषावदत्त का नासिक गुहालेख

भूमिका नहपानकालीन उषावदत्त का नासिक गुहालेख ( वर्ष ४१, ४२, ४५ ) लयण संख्या १० में बायीं ओर स्थित कोठरी के द्वार के ऊपर नहपान की पुत्री और उषवदात ( ऋषभदत्त ) की पत्नी दक्षमित्रा के लेख के नीचे अंकित है। इसमें इस कोठरी ( ओवरक ) के दान की चर्चा है। यह अभिलेख ब्राह्मी

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